जैसा बाप वैसा बेटा-1

हैलो दोस्तों, मैं आसिफ खान, आपका अपना दोस्त, आपके लिए एक नई हॉट सेक्स कहानी लेकर आपके सामने हाजिर हूं। पर यह कहानी मेरी नहीं मेरे एक पाठक की है। उनका नाम रॉनित है, और यह उनकी मां की कहानी है।

हैलो दोस्तों मैं रॉनित हूं। यह कहानी थोड़े समय पहले की है जब में 21 साल का था। मेरे परिवार में मेरी मां संगीता 43, बहन काव्या 19 (बहन हॉस्टल मे रहती है), और मुकेश पापा 46, है, और हम बंगाल से है। मेरी मां एक बंगालन औरत है। वो संस्कारी पूजा-पाठ वाली औरत है। उनका बदन भरा हुआ है, और दिखने में बहुत मस्त है।

तो कहानी शुरू करते है। शनिवार का दिन था। उस दिन मेरे कॉलेज की छुट्टी जल्दी हो जाती है। मैं सुबह से चला जाता हूं, और पापा भी ऑफिस निकल जाते है। दिन में जल्दी घर आता हूं, डोर बेल बजाता हूं, पर संगीता गेट नहीं खोलती है। पर मेरे पास दूसरी चाबी होती है, तो मैं उससे गेट खोलता हूं, और अंदर जाता हूं।

जैसे ही घर में घुसता हूं। संगीता के कमरे से सिसकियों की आवाज आती है। मैं थोड़ा डर जाता हूं, और उनके कमरे की तरफ देखता हूं। गेट थोड़ा खुला होता है। जैसे ही में अंदर देखता हूं, मेरी आंखें फटी की फटी रह जाती है। मेरी संसकारी मां किसी और मर्द की बाहों में थी, हमारे घर के पास के सलीम अंकल। उनकी किराने की दुकान है। उनकी उम्र भी 45-46 होगी। वो दोनों कमरे के अंदर मजे कर रहे थे।

मम्मी बिना साड़ी के अंकल को किस कर रही थी। वो दोनों इतने मदहोश थे, कि उनको पता नहीं चला कि कोई उनको देख रहा था। अंकल बूब्स को ब्लाउस के ऊपर से मसल रहे थे। मां के भरे बदन को दबा रहे थे। यह देख मुझे गुस्सा आया बहुत, और साथ में मेरा लंड भी खड़ा हो गया था।

उन्होंने मम्मी को बेड पर फेंका, और गले और होंठों पर किस करने लगे। संगीता भी पूरा साथ दे रही थी। वो ब्लाउज के ऊपर बूब्स दबाने लगे, और क्लीवेज पर जुबान फेरने लगे।‌ मैं दोनों को बाहर से देख रहा था।

सलीम: साली रांड, क्या मस्त जिस्म है तेरा।

मम्मी: आपकी ही मेहनत का फल है सलीम जी।

अंकल के मुंह से गाली सुन कर समझ गया था, इन दोनों का बहुत दिनों से चल रहा था। फिर थोड़ी देर में दोनों नंगे हो जाते है। उनका नंगा जिस्म देख कर मेरे लंड पर काबू नहीं हुआ। पसीने से उनका बदन और ज्यादा चमक रहा था। बड़े-बड़े बूब्स, बड़ी गांड देख कर मेरा खड़ा हो गया। अंकल का लंड भी बहुत बड़ा था। करीब 7-8 इंच का। इतना तो मेरा भी नहीं था, और पापा का भी नहीं था।

मैंने मम्मी-पापा की चुदाई भी देखी बहुत बार, पर संगीता सलीम के साथ ज्यादा मजे कर रही थी। सलीम ने संगीता के मुंह में लंड डाला, और वो चूसने लगती। संगीता एक रांड की तरह लंड को चूस कर मजे रही थी।

सलीम: अहह साली कुतिया, रोज तुझे इतने सालो से रोज चोदता हूं, पर रोज ज्यादा मजा आता है।

यह सुन कर मेरे और होश उड़ गए कि यह कब से चोद रहा था। और रोज इनकी चुदाई चल रही थी। संगीता को उसने बहुत देर तक लंड चुसाया, और अब कुतिया बना दिया और गांड पर थप्पड़ मारे।

संगीता: अहह मालिक, धीरे, यहीं पर हूं।

सलीम: चुप कुतिया, रंडी साली।

सलीम पीछे से संगीता की चूत में लंड डालने लगा। उनकी कमर पकड़ के पीछे से जोरदार धक्के देने लगा। वो भी पूरे मजे ले रही थी। वो पीछे से बाल पकड़ के, घोड़ी बना कर चोदने लगा। संगीता भी एक रंडी की तरह चुद रही थी। उनकी आवाज पूरे कमरे में गूंज रही थी। इस पोजिशन में मस्त चुदाई कर रहा था। मैंने दोनों की विडिओ बना ली। ऐसे ही संगीता को कुतिया बना कर चोदता रहा। सलीम में बहुत स्टेमिना था। इतनी देर में पापा का दो बार निकल जाता, पर वो धक्के के चोद रहा था।

थोड़ी देर में वो पीछे से हटा, और बिस्तर पर लेट गया। संगीता सलीम के लंड पर बैठ गई थी। दोनों बूब्स के बीच मंगलसूत्र लटक रहा था। संगीता लंड पर कूदने लगी। बूब्स भी हवा में उछालने लगे। यह नज़ारा देख कर मैं पेंट में दूसरी बार झड़ चुका था।

आज संस्कारी संगीता का असली रूप देख रहा था। उसके अंदर चुदाई की बहुत भूख थी। वो जोर-जोर से लंड पर कूदने लगी। उसका पानी निकल चुका था। चिकने पन से चुदाई में और ज्यादा मजा आ रहा था।

सलीम: साली मादरचोद, और जोर से कूद ना।

संगीता की कमर पकड़ के नीचे से झटके देने लगा। दोनों थक चुके थे, पसीने में गीले हो गए थे। सलीम तेजी से चोदने लगा, और फिर जल्दी से संगीता के मुंह के सामने खड़ा हुआ। उसने उसके मुंह में लंड डाल दिया, और मुंह के अंदर ही माल निकाल दिया।

संगीता सारा माल गटक गई। सलीम ने थोड़ा माल मंगलसूत्र और बूब्स गिरा दिया। मां उसको भी चाट गई। फिर दोनों थक कर बिस्तर पर लेट गए। संगीता का हाथ सलीम के लंड पर था, और प्यार से मसल रही थी।

सलीम: अहह मेरी जान, मजा आ जाता है तुझे चोद कर।

संगीता: और मुझे भी आपका लंड लेकर बहुत मजा आता है।

सलीम: इतने सालों से चोदता हूं। फिर भी ऐसा लगता है पहली बार चोद रहा हूं तुझे।

संगीता: अब आपका लंड है ही इतना बड़ा, कि रोज चूत फाड़ देता है।

वो दोनों ऐसे लेटे रहते है। और एक बार और चुदाई करके अंकल चले जाते है। मैं अपने रूम में जा कर संगीता के बारे में सोचने लगता हूं, और उसके बदन का दीवाना हो जाता हूं। मैं उसकी चुदाई के बारे में सोचता हूं, और सो जाता हूं।

शाम को संगीता फ्रेश हो जाती है। फिर चाय बना कर मेरे रूम में लाती है। वो अब बिलकुल एक ससंकारी औरत की तरह आती है और मुझे उठाती है

इसके आगे मेरी मां की चुदाई कहानी में क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा। अपना अनुभव मेरे साथ जरूर साझा करे मेरी ईमेल आइडी 

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